Friday, October 23, 2009

समय छीनता है


समय छीनता है
माँ की लोरियॉ
पिता की गोद
विद्यालय के दोस्त
प्यारा बचपन
अलहड़ जवानी
माँ बाप
भाई बहन
और...

देता है
सफेद केश
झुकी कमर
चार कंधे
कुछ लकड़ियाँ
और...
आग

3 comments:

  1. सुन्दर व सच्चा शब्द चित्र है।बधाई।

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  2. mai "samay" se milna chahta hoon, use roke rakhna chahta hoon, our wo mere anusar chale..kyonki wo khusiyaan mujhe wapas mile..माँ की लोरियॉ
    पिता की गोद
    विद्यालय के दोस्त
    प्यारा बचपन
    अलहड़.....thanx sanjeev...from Anup N Kispotta,IGNOU Hd Qtrs., New Delhi-68

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  3. samay hi sab deta hai na bhai
    waise sunder rachna

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