दिवाली की शुभ बेला पर आओ हम सब मिलकर एक दीप जलाए जो सदैव इमानदारी प्रेम प्रीत और शिक्षा का उजियारा फैलाए जो हटा दे जात पात और उंच नीच का अंधियारा इस निश्छल मन से दिवाली की शुभ बेला पर आओ हम सब मिलकर एक ऐसा दीप जलाए
उधार की चीज़ों के लिए कविता में कोई जगह नहीं कविता आपसे आपको मांगती है पूरे का पूरा बिना लिहाज़ के ... आपकी कविता में आपके अंतर्मन की झिलमिल दिखनी चाहिए
संजीव कुमार बब्बर कुलपति कार्यालय इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय मैदान गढ़ी नई दिल्ली - 110068 दूरभाष: 9810618074 email: skbabbar@hotmail.com
उधार की चीज़ों के लिए कविता में कोई जगह नहीं कविता आपसे आपको मांगती है पूरे का पूरा बिना लिहाज़ के ... आपकी कविता में आपके अंतर्मन की झिलमिल दिखनी चाहिए
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आओ हम सब मिलकर
एक ऐसा दीप जलाए
sundar bhav
khubsoorat
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