Wednesday, February 3, 2010

हाल देश का

आज हाल देखो देश का
योग्य ठोकर खा रहा
और सिफारशी-पदवी पा रहा।
आज हाल देखो देश का
गुण्डों का राज है
शरीफ आदमी की मौत का
पूरा सामान तैयार है।
आज हाल देखो देश का
इन्सानियत का नाम नहीं
घर में ही चोरी
बहन-बेटी भी नहीं छोड़ी।
आज हाल देखो देश का
लड़ा रहे हैं नेता हमें और
पदवी पा रहे हैं ऐसे ही काम पर।
आज हाल देखकर भी देश का
हम चुप्पी साधे बैठे हैं
कल लुट जाएगा सबकुछ
हम देखते रह जाएंगे।
आज हाल देख देश का
हमें कुछ करना होगा
चुप बैठे रहने से
ये देश बरबाद होगा।

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