मेरी कविताएँ
संजीव कुमार बब्बर
Friday, October 23, 2009
प्यास
बुझती नहीं पानी से
बुझती नहीं धन से
बुझती नहीं प्यार से
बुझती नहीं तन से
बुझती सिर्फ़ संतोष से
प्यास...
2 comments:
Anonymous
October 25, 2009 at 7:10 AM
Bilkul theek kaha aapne.
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परमजीत सिहँ बाली
October 25, 2009 at 10:59 PM
बहुत बढिया!! सही बात है।
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मेरी कविताएँ
01) अपाहिज
02) आँसू बोलते हैं
03) क्यों फैला है भ्रष्टाचार
04) दर्द का पैमाना
05) प्रेम मोहताज नहीं
06) प्यास
07) समय
08) हर पल
09) समय छीनता है
10) मुस्कुराना ज़रूरी है
11) दस्तावेज कीमती है
12) आंधी
13) शुभ बेला
14) हर क्षण जिंदगी
15) याद आई
16) हाल देश का
17) अब ओर नहीं
18) चले जा रहे है
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Bilkul theek kaha aapne.
ReplyDeleteबहुत बढिया!! सही बात है।
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