Monday, March 28, 2011

विकास है ?

...विकास है?

बिकते खेत
मिटते गाँव
उगती इमारते
फलते शहर

विकास है?

मिटती लीक
बढती सड़क
मरते मजदुर
तकते हुजूर

विकास है?

भूखे किसान
सरहद पे जवान
शहर में बैठा
मजेमे इंसान

विकास है?

2 comments:

  1. bindas..... bahut kuch kaha gaye aap bahut kam shabdo mai

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